नमस्कार दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के बारे में। सबसे पहले तो हम आपको बताना चाहते हैं कि साल 2023 में रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 9 मई 2023 को पूरे भारत में मनाई जाएगी। जानकारी शुरू करने से पहले आपको बताना चाहते हैं कि आप हमारी खबर को Goodmotto blog वेबसाइट के माध्यम से पढ़ रहे हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के खास मौके पर विशेष जानकारी
रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बात करे तो इनकी पहचान है की राष्ट्रगान के रचयिता, कवि और बहुमुखी प्रतिभा की रचना खुद रवींद्रनाथ टैगोर जी ने की थी।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को बंगाल के एक परिवार में हुआ था। भारत में 7 मई को लेकिन बांग्लादेश में 9 मई को रवींद्रनाथ टैगोर जयंती मनाई जाती है।
रवींद्रनाथ टैगोर की पहचान गुरुदेव के नाम से है और काफी कम लोग जानते है की जन गण मन की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। लेकिन आपको बताना चाहते हैं कि बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान बांग्ला भाषा में ‘आमार सोनार बांग्ला’ लिखा हुआ है।
रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन में काफी सारी सफलताएं हासिल की है और आज की तारीख में युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ा उदाहरण बन चुके हैं।
रविंद्रनाथ टैगोर के निजी जीवन के बारे में
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रविन्द्रनाथ टैगोर का जन्म बंगाल में हुआ था। इनके पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर था और माता का नाम शारदा देवी था। बंगाल परिवार में जन्मे रवींद्रनाथ टैगोर अपने भाई बहन में सबसे छोटे थे।
रवींद्रनाथ टैगोर अपने जीवन में बैरिस्टर बनना चाहते थे और अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड के ब्रिजस्टोन पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया था। लेकिन आपको बताना चाहते हैं कि 1880 में कानून की डिग्री लिए बिना ही वह स्वदेश वापस लौट गए थे।
रवींद्रनाथ टैगोर कौन-कौन सी कला में निपुण थे
अगर हम गुरुदेव के बारे में बात करें तो इतने सारे कार्य में निपुण थे कि इनके सामने किसी का भी टिकना आसान नहीं था। संगीतकार, नाटककार, निबंधकार में इन्होंने अपनी रुचि बरकरार रखी थी।
बचपन से ही रविंद्र नाथ टैगोर को कविताएं लिखने का शौक था और इन्होंने सिर्फ 8 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिख दी थी। वही 16 साल की उम्र में रवींद्रनाथ टैगोर की पहली लघु कथा प्रकाशित हो गई थी।
रविंद्र नाथ टैगोर की प्रसिद्ध किताबें कौन-कौन सी थी
आपको बता दें कि रविंद्र नाथ टैगोर ने एक दो नहीं बल्कि काफी सारी लोकप्रिय किताबें लिखी है। इनमें से कुछ किताबें 9 से 14 साल के लोगों के लिए है। वहीं कुछ किताबें 15 साल से ऊपर के लोगों के लिए है।
9 से 14 साल वालों के लिए
काबुलीवाला
इस कहानी में हम देख सकते हैं कि एक शख्स हर साल कोलकाता ड्राई फ्रूट बेचने जाता था।
द लिटिल बिग मैन
इस कहानी में हम देख सकते हैं कि एक छोटा सा लड़का कैसे अपने मां बाप के जूतों में पैर डालने का सपना देखता था।
द एस्ट्रोनोमर
इस कहानी में हम देख सकते हैं कैसे एक लड़की हमेशा से चांद छूने का सपना देखती है।
15 साल से ऊपर वालों के लिए
गीतांजलि
इस पुस्तक में आपको एक कहानी के अंदर अलग अलग भाषाओं की कई कहानियां देखने को मिलती है।
गोरा
इस कहानी में दिखाया गया है कि कैसे गोरे और काले के बीच में फर्क की कहानी दिखाई गई है।
आज यह पुस्तक बाजार में मौजूद है कि नहीं हम जानते हैं लेकिन आप चाहे तो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर जाकर इनकी खोजबीन कर सकते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर की सभी पुस्तकें कुछ ऐसी पुस्तकें है जहां से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है.
जब रवींद्रनाथ टैगोर अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस आ गए थे तो फिर से उन्होंने लिखना चालू कर दिया था। भारत और बांग्लादेश की आजादी के बाद उन्होंने दोनों देशों के लिए राष्ट्रीय गान लिखा था।
आज भी राष्ट्रीय पर्व पर राष्ट्रीय गान को पूरे सम्मान के साथ में गाया जाता है।