May 3, 2024

 

 



नमस्कार दोस्तों रतन टाटा आज के ज़माने में एक ऐसा नाम बन चुका है जिनके बारे में आज हर कोई जानता है और हर कोई आज की तारीख में रतन टाटा की तरह बनना चाहता है। लेकिन आज हम बात करने वाले है रतन टाटा के महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में की किस तरह रतन टाटा ने अपने जीवन में सफलता हासिल की है और किस प्रकार आज की युवा पीढ़ी के लिए एक अच्छी मसाल बन चुके है। अगर आप भी रतन टाटा के सफलता का राज जानना चाहते है तो हमारे साथ आखिरी तक जुड़े रहिये ।  

 

सबसे पहले रतन टाटा के निजी जीवन के बारे में बात करे तो रतन टाटा क जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था। रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा है।  रतन टाटा के स्कूलिंग की बात करे तो इन्होने अपनी शिक्षा की प्राप्ति मुंबई से की थी। इसके अलावा रतन टाटा ने हॉवर्ड बिज़नेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट की तैयारी की थी। 1962 में इन्होने सबसे पहले टाटा समूह के साथ जुड़कर अपने करियर की शुरुवात की थी। 1991 में रतन टाटा जेआरडी टाटा के बाद समूह के पांचवे अध्यक्ष बने थे। 

 

रतन टाटा के उपलब्धि के बारे में बात करे तो सबसे पहले 2000 में इन्हे पदमभूषण और फिर 2008 में इन्हे पदमविभूषण से सम्मानित किया गया था। रतन टाटा एक मात्र ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने टाटा नैनो का निर्माण करके आम आदमी के गाड़ी के सपने को पूरा किया था। इसके अलावा इंडिका जैसी कार का निर्माण भी रतन टाटा द्वारा किया गया है। रतन टाटा के बारे में एक रोचक जानकारी आप सभी को बताना चाहते है की रतन टाटा अपने टाटा खून के बेटे नहीं है।  दरअसल रतन टाटा गोद लिए बेटे थे। बचपन में ही रतन टाटा के माँ बाप अलग हो गए थे लेकिन इसके बाद भी रतन टाटा अपनी माँ के ज्यादा करीब रहते थे।  

 

आज की तारीख में रतन टाटा की सफलता के बारे में बात करे तो 80 देशो में टाटा समूह की कंपनी मौजूद है। मुंबई हमले में रतन टाटा के पांच सितारा होटल को टारगेट बनाया गया था।  उस टाइम पर रतन टाटा ने दोनों हांथो से एक लीडर की तरह अपने स्टाफ की सहायता की थी। ताज होटल पर हमला होने के बाद रतन टाटा खुद मदद करने के लिए वहा पर पहुंचे थे और फिर एक एक घायल को उनके परिजनों के घर पहुंचाने में सहायता करि थी। 

 

रतन टाटा के बारे में बात करे तो यह एक अच्छे मोटिवेटर होने के साथ साथ एक अच्छे लीडर भी हैं और मुसीबत के समय में स्टाफ की सहायता में हमेशा आगे नजर आते है। रतन टाटा एकमात्र ऐसा नाम है जोकि नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक हर एक चीज के लिए देश से लेकर विदेश में भी लोकप्रिय हो चुके है। टाटा कंपनी के चेयरमैन रतन टाटा भारतीय उधोग में आज एक लिविंग लेजेंड के रूप में जाने जाते है।  

 

रतन टाटा का स्वाभाव काफी ज्यादा शर्मीला है और वो दुनिया के चमक धमक पर विश्वास नहीं करते है।  रतन टाटा आज की तारीख में भी मुंबई में किताबो से भरे हुए फ्लैट में आज भी अकेले रहते है। रतन टाटा का मानना है की बिज़नेस करने का मतलब सिर्फ मुनाफा कमानानहीं होता है बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां भी समझना भी होता है।  रतन टाटा के विचार कुछ इस प्रकार है की आज भी लोग इंटरनेट पर इनके बारे में सर्च करना पसंद करते है।

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