November 22, 2024
13 April Jallianwala Bagh incident

13 अप्रैल जलियांवाला बाग कांड- नमस्कार दोस्तों आज से करीब 100 साल पहले यानी कि 1919 में हमारे इतिहास में एक ऐसी घटना घटी थी  जिसे सुनकर आप भी कांप उठेंगे। इस समय पर हमारे देश पर अंग्रेजों का शासन चलता था।

 

 13 अप्रैल 1919 

 

यह समय था 13 अप्रैल 1919 का। यह घटना पंजाब के  अमृतसर में घटी थी। बैसाखी का समय था और सिख समुदाय अमृतसर में इकट्ठा हो रहे थे। यह सिक्खों का सबसे बड़े मेले में से एक था।

 

13 April Jallianwala Bagh incident

 

मेले में आए लोग धीरे-धीरे करके जलियांवाला बाग में इकट्ठा हो रहे थे। इस सभा का मुख्य उद्देश्य यही था कि अंग्रेजों द्वारा  चालू किए गए एक्ट को समाप्त करना।

 

 

बताना चाहते हैं कि यह एक्ट एक ऐसा काला कानून था जिसे अंग्रेजों ने बनाया था। इस एक्ट के तहत ऐसा कहा जाता था की किसी में हिंदुस्तानी पर बिना मुकदमा चलाए  जेल में बंद किया जा सकता था।

 

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इसका मुख्य उद्देश्य यही था कि किसी भी तरीके से हिंदुस्तानी को गुलामी की जंजीरों में बांधे रखा जाए। लेकिन इसी के बीच में कुछ वीर बहादुर ऐसे भी थे जोकि इस एक्ट का जमकर विरोध कर रहे थे। यह वीर बहादुर  अंग्रेजों के इस एक्ट को लेकर जमकर  नारेबाजी करने लगे थे।

 

13 April Jallianwala Bagh incident

 

 जलियांवाला बाग क्या था

 

असल में जलियांवाला बाग एक छोटा सा बगीचा था. इस लड़ाई के चक्कर में पूरा बाग बड़े बच्चों और महिलाओं से भर गया था। विरोधी खबर सामने आते ही अंग्रेजों ने धावा बोल दिया। बताना चाहते हैं कि जलियांवाला बाग के सभी दरवाजों को बंद करवा दिया गया था।

 

13 April Jallianwala Bagh incident

 

बाग में मौजूद सभी लोगों के ऊपर बिना चेतावनी दिए गोलियों की बारिश करवा दी गई थी। खून खराबे का यह खेल तकरीबन 15 मिनट तक चला था। इसी बीच लोगों ने अपने आप को बचाने के लिए बाग के भीतर बने कुएं में छलांग लगा दी थी।

 

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बताना चाहते हैं कि कुछ लोग कुएं में दम घुटने की वजह से  शहीद हो गए थे। बाकी बचे हुए लोगों को गोलियों से भून डाला था। अंग्रेजो के द्वारा शहीदों का आंकड़ा  काफी ज्यादा खान बताया गया था।

 

 15 सौ के आसपास लोग मारे गए थे

 

13 April Jallianwala Bagh incident

 

आपको बताना चाहते हैं कि इस लड़ाई में तकरीबन पंद्रह सौ लोग मारे गए थे। वही तकरीबन इतने ही लोग  घायल भी हो गए थे। इस लड़ाई में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल था जिसका नाम था उधम सिंह।

 

उधम सिंह वहां से किसी प्रकार बचकर निकल गए थे लेकिन दिलो-दिमाग में जनरल डायर का चेहरा इस प्रकार छप गया था  की इसे भूल जाना काफी ज्यादा मुश्किल था।

 

13 April Jallianwala Bagh incident

 

बताना चाहते हैं कि 1940 में एक ऐसा मौका सामने आया था जहां पर जनरल डायर भी शामिल थे। किसी  तरह उधम सिंह वहां पर जा पहुंचे थे  लेकिन सिक्योरिटी काफी ज्यादा थी। लेकिन किसी तरह उधम सिंह  अंदर पहुंच गए थे  और मौका देखते ही जनरल डायर को गोली मार दी थी।

 

बताना चाहते हैं कि 13 अप्रैल जलियांवाला बाग कांड वाकई में बहुत ही  दिलदार आने वाला समय था। इस लड़ाई में काफी सारे  वीर बहादुर में मारे गए थे  जिनको याद करने के लिए हर साल 13 अप्रैल तारीख को चुना गया है।

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