April 18, 2024

 

Difference Between Online And Offline Game
Difference Between Online And Offline Game

 

ऑफलाइन और ऑनलाइन गेम में क्या फर्क होता है आज इसके बारे में आज हम आपको बताने वाले है।  गेम खेलना हर किसी को पसंद होता है।  कुछ गेम ऐसे भी होते है जिसको खेलने से हमारा दिमाग बढ़ता है वही कुछ गेम ऐसे भी होते है जिसको खेलने से हमारी भविष्व में प्लानिंग करने की क्षमता बढ़ती है।  वही कुछ खेल में ऐसे भी होते है जिसको खेलने से हम काफी हद तक फ्यूचर को प्रेडिक्ट भी कर सकते है। 

 

आज की जानकारी में हम आपको मुख्य रूप से बताने वाले है की ऑफलाइन गेम और ऑनलाइन गेम में आखिरकार क्या फर्क होता है। अगर आप जानना चाहते है तो हमारे साथ में अंत तक जुड़े रहिये।  ऑफलाइन और ऑनलाइन गेम में काफी सारे महत्वपूर्ण फर्क होते है जिसके बारे में आज हम बात करने वाले है।  अगर आप जानना चाहते है तो हमारे साथ में अंत तक जुड़े रहिये।  ऑफलाइन गेम में हमारा दिमाग भी तेज होता है और कही न कही हमारे शरीर की एक्सरसाइज भी हो जाती है।  

 

ऑफलाइन गमे में उदाहरण के लिए काफी सारे खेल आते है जैसे की क्रिकेट बैडमिंटन फूटबाल और वॉलीबाल।  इन सभी खेल को खेलने में हमें अपने शरीर की ताकत को लगाना पड़ता है और जब हम अपने शरीर की ताकत लगाते है तो हमारे पूरे शरीर में एक ऊर्जा सी उत्पन होती है और हमारा कही न कही तेजी से विकास होना शुरू हो जाता है।  लेकिन ऑनलाइन गेम में ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिलता है। 

 

ऑनलाइन गेम खेलना आज की तारीख में गलत माना जाता है।  ऑनलाइन गेम खेलने के एक दो नहीं बल्कि काफी सारे नुक्सान होते है जिसके बारे में अब हम आपको एक खबर की मदद से बताने वाले है।  हाल ही में एक खबर pubgi गेम से जुडी सामने आयी थी जिसमे बताया गया था की एक लड़के ने गेम खेलने के चक्कर में पिता के अकाउंट में से कई लाखो रूपये निकाल लिए थे। 

 

यही सबसे बड़ा उदाहरण है की गेम खेलने से बच्चो के या फिर युवा पीढ़ी के दिमाग पर काफी बुरा असर देखने को मिलता है।  इसके अलावा फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन से बच्चो के दिमाग पर गलत असर पड़ता है और यहाँ तक की ज्यादा देर स्क्रीन पर गेम खेलने से बच्चो की आंखे ख़राब होने की खबर भी सामने आती है।   

 

ऑनलाइन  गेम में देखा जाये तो ऑफलाइन खेल के मुकाबले एक आम आदमी कुछ भी विकास नहीं हो पाता है और मात्र कुछ साल की उम्र में ही बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाता है।  आज की तारीख में देखा जाये तो गलती माँ बाप की ही होती है जोकि मात्र 4 से 6 साल के बच्चे के हाथ में फ़ोन पकड़ा देते है।  ऐसा समय तब बनता है जब माँ बाप दोनों ही वर्क फ्रॉम होम में बिजी होते है और ऐसे में मोबाइल फ़ोन ही बच्चे का टाइमपास और दोस्त बन जाता है।  

 

हालाँकि हमने देखा है की हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने काफी सारे खेल को हमारे प्ले स्टोर से हटा दिया है।  ऐसा इसलिए किया गया था क्योकि खेल की मदद से हमारी सभी पर्सनल जानकारी दूसरे देश के हैकर्स के सिस्टम में लगातार जा रही थी।  ऐसा होने से भारत देश के सभी सीक्रेट प्लान के बारे में बहार के देश के पास जानकारी जा रही थी।

 

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